रागं: वरालि
तालं: आदि
अदिगो भद्राद्रि गौतमि इदिगो चूडण्डि ॥ अदिगो ॥
मुदमुतो सीत मुदित लक्ष्मणुडु
कदसि कॊलुवगा कलडदॆ रघुपति ॥ 1 ॥ अदिगो ॥
चारु स्वर्ण प्राकार गोपुर
द्वारमुलतो सुन्दरमै युण्डॆडि ॥ 2 ॥ अदिगो ॥
अनुपमानमै अतिसुन्दरमै
तनरु चक्रमदि धग धग मॆरिसॆडि ॥ 3 ॥ अदिगो ॥
कलियुगमन्दुन निल वैकुण्ठमु
नलरुचुनुन्नदि नयमुग म्रॊक्कुडि ॥ 4 ॥ अदिगो ॥
पॊन्नल पॊगडल पूपॊद रिण्ड्लतॊ
चॆन्नु मीरगनु चॆलगुचुनुन्नदि ॥ 5 ॥ अदिगो ॥
श्रीकरमुग श्रीरामदासुनि
प्राकटमुग ब्रोचे प्रभुवासमु ॥ 6 ॥ अदिगो ॥