Collection of Spiritual and Devotional Literature in Various Indian Languages
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जय जय जय प्रिय भारत
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भारत मात (13)
वन्दे मातरम्
विजयी विश्व तिरङ्गा प्यारा
जन गण मन
सारे जहा से अच्छा
ए देशमेगिना
देशमुनु प्रेमिञ्चुमन्न
जय जय जय प्रिय भारत
मा तॆलुगु तल्लिकि मल्लॆ पूदण्ड
मन स्वतन्त्र्य भारत
जातिकि ऊपिरि स्वातन्त्र्यं
सम्पूर्ण विश्वरत्नम्
प्रियं भारतम्
मा तॆलुगु तल्लिकि मल्लॆ पूदण्ड
देश भक्ति गीतानि (13)
वन्दे मातरम्
विजयी विश्व तिरङ्गा प्यारा
जन गण मन
सारे जहा से अच्छा
ए देशमेगिना
देशमुनु प्रेमिञ्चुमन्न
जय जय जय प्रिय भारत
मा तॆलुगु तल्लिकि मल्लॆ पूदण्ड
सम्पूर्ण विश्वरत्नम्
प्रियं भारतम्
वन्दे भारतमातरं वद, भारत
मैत्रीं भजत
मा तॆलुगु तल्लिकि मल्लॆ पूदण्ड
संस्कृत गीतानि (20)
वन्दे मातरम्
जय जय जय प्रिय भारत
शुद्धोसि बुद्धोसि
सुरस सुबोधा (नैव क्लिष्टा न च कठिना)
विश्वभाषा संस्कृतम्
सम्पूर्ण विश्वरत्नम्
जन्मदिनमिदम्
कृत्वा नव धृढ सङ्कल्पम्
मनसा सततं स्मरणीयम्
ध्येयपथिकसाधक
अवनितलं पुनरवतीर्णा स्यात्
क्रियासिद्धिः सत्त्वे भवति
पठत संस्कृतं, वदत संस्कृतम्
प्रियं भारतम्
मृदपि च चन्दनम्
वन्दे भारतमातरं वद, भारत
रचयेम संस्कृतभवनं (ग्रामे नगरे समस्तराष्ट्रे)
मैत्रीं भजत
उपदेश सारं (रमण महर्षि)
देववाणीं वेदवाणीं मातरं वन्दामहे
भारत गणतन्त्र दिनोत्सव (11)
विजयी विश्व तिरङ्गा प्यारा
जन गण मन
सारे जहा से अच्छा
ए देशमेगिना
देशमुनु प्रेमिञ्चुमन्न
जय जय जय प्रिय भारत
मा तॆलुगु तल्लिकि मल्लॆ पूदण्ड
सम्पूर्ण विश्वरत्नम्
प्रियं भारतम्
मैत्रीं भजत
मा तॆलुगु तल्लिकि मल्लॆ पूदण्ड
भारत स्वातन्त्र्य दिनोत्सव (14)
वन्दे मातरम्
विजयी विश्व तिरङ्गा प्यारा
जन गण मन
सारे जहा से अच्छा
ए देशमेगिना
देशमुनु प्रेमिञ्चुमन्न
जय जय जय प्रिय भारत
मा तॆलुगु तल्लिकि मल्लॆ पूदण्ड
मन स्वतन्त्र्य भारत
जातिकि ऊपिरि स्वातन्त्र्यं
सम्पूर्ण विश्वरत्नम्
प्रियं भारतम्
मैत्रीं भजत
मा तॆलुगु तल्लिकि मल्लॆ पूदण्ड
देवुलपल्लि वेङ्कट कृष्ण शास्त्रि (1)
जय जय जय प्रिय भारत
भारत मात (11)
वन्दे मातरम्
विजयी विश्व तिरङ्गा प्यारा
जन गण मन
सारे जहा से अच्छा
ए देशमेगिना
देशमुनु प्रेमिञ्चुमन्न
जय जय जय प्रिय भारत
मन स्वतन्त्र्य भारत
जातिकि ऊपिरि स्वातन्त्र्यं
सम्पूर्ण विश्वरत्नम्
प्रियं भारतम्