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मैत्रीं भजत मैत्रीं भजत is a benediction composed in संस्कृतम् by जगद्गुरु श्री चन्द्रशॆखरेन्द्र सरस्वति, renowned as the कञ्चि परमाचार्य. The song was set to the ragam रागमालिका by composer श्री वसन्त् देशाय्. मैत्रीं भजत अखिलहृज्जेत्रीम् आत्मवदेव परानपि पश्यत । युद्धं त्यजत स्पर्धां त्यजत त्यजत परेषु अक्रममाक्रमणम् ॥ जननी पृथिवी कामदुघाऽऽस्ते जनको देवः सकलदयालुः । दाम्यत दत्त दयध्वं जनताः श्रेयो भूयात् सकलजनानाम् ॥
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