अन्नमय्य कीर्तन जय जय रामा
रागं: नाट आ: स रि3 ग3 म1 प द3 नि3 स अव: स नि3 प म1 रि3 स तालं: आदि पल्लवि जय जय रामा समरविजय रामा । भयहर निजभक्तपारीण रामा ॥ (2.5) चरणं 1 जलधि बंधिंचिन सौमित्रिरामा सॆलविल्लु विरचिन सीतारामा । (2) अलसुग्रीवुनेलि-नायोध्यरामा (2) कलिगि यज्ञमुगाचे कौसल्यरामा ॥ जय जय रामा समरविजय रामा .. (प..) चरणं 2 अरिरावणांतक आदित्यकुलरामा गुरुमौनुलनुगाने कोदंडरामा । (2) धर नहल्यपालिटि दशरथरामा (2) हरुराणिनुतुल लोकाभिरामा ॥ जय जय रामा समरविजय रामा ..(प..) चरणं 3 अतिप्रतापमुल मायामृगांतक रामा सुतकुशलवप्रिय सुगुणरामा । (2) वितत महिमल श्रीवेंकटाद्रिरामा (2) मतिलोनबायनि मनुवंशरामा ॥ जय जय रामा समरविजय रामा .. भयहर निजभक्तपारीण रामा ॥ (2.5)
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