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आदि वाराही स्तोत्रम् नमोऽस्तु देवी वाराही जयैकारस्वरूपिणि । जय क्रोडास्तु वाराही देवी त्वं च नमाम्यहम् । मुख्यवाराहि वन्दे त्वां अन्धे अन्धिनि ते नमः । नमः स्तम्भिनि स्तम्भे त्वां जृम्भे जृम्भिणि ते नमः । स्वभक्तानां हि सर्वेषां सर्वकामप्रदे नमः । स्तम्भनं कुरु शत्रूणां कुरु मे शत्रुनाशनम् । ठचतुष्टयरूपे त्वां शरणं सर्वदा भजे । देहि मे सकलान् कामान् वाराही जगदीश्वरी । इदमाद्यानना स्तोत्रं सर्वपापविनाशनम् । लभन्ते शत्रवो नाशं दुःखरोगापमृत्यवः । इति श्री आदिवाराही स्तोत्रम् ।
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