अन्नमय्य कीर्तन मनुजुडै पुट्टि
रागं: आभोगि (22 खरहरप्रिय जन्य) आ: स रि2 ग2 म1 द2 स अव: स द2 म1 ग2 रि2 स तालं: आदि पल्लवि मनुजुडै पुट्टि मनुजुनि सेविंचि अनुदिनमुनु दुःखमंदनेला ॥ (2.5) चरणं 1 जुट्टॆडु कडुपुकै चॊरनि चोट्लु जॊच्चि पट्टॆडु कूटिकै बतिमालि । (3.5) पुट्टिन चोटिके पॊरलि मनसुवॆट्टि वट्टि लंपटमु वदलनेरडुगान ॥ (2.5) मनुजुडै पुट्टि मनुजुनि सेविंचि (प.) अनुदिनमुनु दुःखमंदनेला (प.) चरणं 2 अंदरिलो पुट्टि अंदरिलो चेरि अंदरि रूपमुलटु तानै । अंदमैन श्री वेंकटाद्रीशु सेविंचि अंदरानि पद मंदॆनटुगान ॥ मनुजुडै पुट्टि मनुजुनि सेविंचि (प.) अनुदिनमुनु दुःखमंदनेला (प.)
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