अन्नमय्य कीर्तन मेलुको श्रुंगारराय
रागं: भूपाल आ: स रि1 ग2 प द1 स अव: स द1 प ग2 रि1 स तालं: आदि पल्लवि मेलुको शृंगारराय मेटि मदनगोपाल । मेलुकोवॆ नापाल मुंचिन निधानमा ॥ (2) चरणं 1 संदडिचे गोपिकल जव्वनवनमुलोन । कंदुवंदिरिगे मदगजमवु । (2) यिंदुमुखि सत्यभाम हृदय पद्ममुलोनि । गंधमु मरिगिनट्टि गंडु तुम्मॆद ॥ (2) मेलुको शृंगारराय मेटि मदनगोपाल..(प..) चरणं 2 गतिगूडि रुक्मिणिकौगिट पंजरमुलो । रतिमुद्दु गुरिसेटि राचिलुका । (2) सतुल पदारुवेल जंट कन्नुल गलुवल- । कितमै पॊडिमिन ना यिंदु बिंबम ॥ (2) मेलुको शृंगारराय मेटि मदनगोपाल..(प..) चरणं 3 वरुसं गॊलनिलोनि वारि चन्नुंगॊंडलपै । निरति वालिन ना नीलमेघमा । (2) शिरनुरमुन मोचि श्री वेंकटाद्रि मीद । गरिम वरालिच्चे कल्पतरुवा ॥ (2) मेलुको शृंगारराय मेटि मदनगोपाल । मेलुकोवॆ नापाल मुंचिन निधानमा ॥
Browse Related Categories: