अन्नमय्य कीर्तन जय लक्ष्मि वर लक्ष्मि
रागं: ललित आ: स रि1 ग3 म1 द1 नि3 स अव: स नि3 द1 म1 ग3 रि1 स तालं: रूपक पल्लवि जयलक्ष्मि वरलक्ष्मि संग्राम वीरलक्ष्मि । (2) प्रियुरालवै हरिकि~म बॆरसितिवम्मा ॥ (2) चरणं 1 पालजलनिधिलोनि पसनैनमीँगड (5)+(1) मेलिमितामरलोनि मिंचुवासन । नीलवर्णुनुरमुपै निंडिननिधानमवै (2) येलेवु लोकमुलु मम्मेलवम्मा ॥ जयलक्ष्मि वरलक्ष्मि संग्राम वीरलक्ष्मि । (फा..) चरणं 2 चंदुरुतोड~म बुट्टिन संपदलमॆऱुँगवो कंदुव ब्रह्मल~म गाचेकल्पवल्लि । अंदिनगोविंदुनिकि अंडने तोडुनीडवै वुंदानवु माइंटने वुंडवम्मा ॥ जयलक्ष्मि वरलक्ष्मि संग्राम वीरलक्ष्मि । (फा..) चरणं 3 पदियारु वन्नॆलतो बंगारु पतिम (5)+(1) चॆदरनि वेदमुल चिगुरुँबोडि । यॆदुट श्रीवेंकटेशुनिल्लालवै नीवु निदुल निलिचेतल्लि नीवारमम्मा ॥ जयलक्ष्मि वरलक्ष्मि संग्राम वीरलक्ष्मि । (फा..) प्रियुरालवै हरिकि~म बॆरसितिवम्मा ॥ (2)
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