अन्नमय्य कीर्तन रामुडु राघवुडु
रागं: धर्मवति आ: स रि2 ग2 म2 प द2 नि3 स अव: स नि3 द2 प म2 ग2 रि2 स तालं: आदि पल्लवि रामुडु राघवुडु रविकुलु डितडु । भूमिजकु पतियैन पुरुष निधानमु ॥ (2.5) चरणं 1 अरय पुत्रकामेष्टि यंदु परमान्नमुन । परग जनिंचिन पर ब्रह्ममु । (2) सुरल रक्षिंपग असुरुल शिक्षिंपग । तिरमै उदयिंचिन दिव्य तेजमु ॥ (1.5) रामुडु राघवुडु रविकुलु डितडु । भूमिजकु पतियैन पुरुष निधानमु ॥ (1.5) चरणं 2 चिंतिंचे योगींद्रुल चित्त सरोजमुललो । संततमु निलिचिन साकारमु । (2) विंतलुगा मुनुलॆल्ल वॆदकिन यट्टि । कांतुल चॆन्नु मीरिन कैवल्य पदमु ॥ (1.5) रामुडु राघवुडु रविकुलु डितडु । भूमिजकु पतियैन पुरुष निधानमु ॥ (1.5) चरणं 3 वेद वेदांतमुलयंदु विज्ञान शास्त्रमुलंदु । पादुकॊन पलिकेटि परमार्धमु । (2) प्रोदितॊ श्री वेंकटाद्रि पॊंचि विजय नगरान । आदिकि अनादियैन अर्चावतारमु ॥ (1.5) रामुडु राघवुडु रविकुलु डितडु । भूमिजकु पतियैन पुरुष निधानमु ॥ (1.5)
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