रविसुधाकर वह्निलोचन रत्नकुंडल भूषिणी
प्रविमलंबुग मम्मुनेलिन भक्तजन चिंतामणी ।
अवनि जनुलकु कॊंगुबंगारैन दैवशिखामणी
शिवुनि पट्टपुराणि गुणमणि श्रीगिरि भ्रमरांबिका ॥ 1 ॥
कलियुगंबुन मानवुलकुनु कल्पतरुवै युंडवा
वॆलयगुनु श्री शिखरमंदुन विभवमै विलसिल्लवा ।
आलसिंपक भक्तवरुलकु अष्टसंपद लीयवा
जिलुगु कुंकुम कांतिरेखल श्रीगिरि भ्रमरांबिका ॥ 2 ॥
अंग वंग कलिंग काश्मीरांध्र देशमुलंदुनन्
पॊंगुचुनु वरहाल कॊंकण पुण्यभूमुल यंदुनन् ।
रंगुगा कर्णाट राट मराट देशमुलंदुनन्
शृंगिनी देशमुल वॆलसिन श्रीगिरि भ्रमरांबिका ॥ 3 ॥
अक्षयंबुग काशिलोपल अन्नपूर्ण भवानिवै
साक्षिगणपति कन्न तल्लिवि सद्गुणावति शांभवी ।
मोक्षमोसगॆडु कनकदुर्गवु मूलकारण शक्तिवि
शिक्षजेतुवु घोरभवमुल श्रीगिरि भ्रमरांबिका ॥ 4 ॥
उग्रलोचन वरवधूमणि कॊप्पुगल्गिन भामिनी
विग्रहंबुल कॆल्ल घनमै वॆलयु शोभनकारिणी ।
अग्रपीठमुनंदु वॆलसिन आगमार्थ विचारिणी
शीघ्रमेकनि वरमुलित्तुवु श्रीगिरि भ्रमरांबिका ॥ 5 ॥
निगमगोचर नीलकुंडलि निर्मलांगि निरंजनी
मिगुल चक्कनि पुष्पकोमलि मीननेत्र दयानिधी ।
जगतिलोन प्रसिद्धिकॆक्किन चंद्रमुखि सीमंतिनी
चिगुरुटाकुलवंटि पॆदवुल श्रीगिरि भ्रमरांबिका ॥ 6 ॥
सोमशेखर पल्लवाधरि सुंदरीमणी धीमणी
कोमलांगि कृपापयोनिधि कुटिलकुंतल योगिनी ।
ना मनंबुन पायकुंडम नगकुलेशुनि नंदिनी
सीमलोन प्रसिद्धिकॆक्किन श्रीगिरि भ्रमरांबिका ॥ 7 ॥
भूतनाथुनि वामभागमु पॊंदुगा चेकॊंदुवा
ख्यातिगनु श्रीशैलमुन विख्यातिगा नॆलकॊंटिवा ।
पातकंबुल पारद्रोलुचु भक्तुलनु चेकॊंटिवा
श्वेतगिरिपै नुंडि वॆलसिन श्रीगिरि भ्रमरांबिका ॥ 8 ॥
ऎल्लवॆलसिन नीदु भावमु विष्णुलोकमु नंदुन
पल्लविंचुनु नी प्रभावमु ब्रह्मलोकमु नंदुन ।
तॆल्लमुग कैलासमंदुन मूडुलोकमु लंदुन
चॆल्लुनम्म त्रिलोकवासिनि श्रीगिरि भ्रमरांबिका ॥ 9 ॥
तरुणि श्रीगिरि मल्लिकार्जुन दैवरायल भामिनी
करुणतो मम्मेलु यॆप्पुडु कल्पवृक्षमु भंगिनी ।
वरुसतो नी यष्टकंबुनु व्रासि चदिविन वारिकि
सिरुलनिच्चॆद वॆल्ल कालमु श्रीगिरि भ्रमरांबिका ॥ 10 ॥