अन्नमय्य कीर्तन अदिवो अल्लदिवो
रागं: मध्यमावति (22 खरहरप्रिय जन्य) आ: स रि2 म1 प द1 नि2 स अव: स नि2 प म1 रि2 स तालं: आदि पल्लवि अदिवो अल्लदिवो श्री हरि वासमु पदिवेल शेषुल पडगल मयमु ॥ (2.5) चरणं 1 अदॆ वेंकटाचल मखिलोन्नतमु अदिवो ब्रह्मादुल कपुरूपमु । (2) अदिवो नित्यनिवास मखिल मुनुलकु अदॆ चूडु डदॆ मॊक्कु डानंदमयमु ॥ (1.5) अदिवो अल्लदिवो श्री हरि वासमु पदिवेल शेषुल पडगल मयमु ॥ (1.5) चरणं 2 चॆंगट नल्लदिवो शेषाचलमू निंगि नुन्न देवतल निजवासमु । (2) मुंगिट नल्लदिवो मूलनुन्न धनमु बंगारु शिखराल बहु ब्रह्ममयमु ॥(1.5) अदिवो अल्लदिवो श्री हरि वासमु पदिवेल शेषुल पडगल मयमु ॥ (1.5) चरणं 3 कैवल्य पदमु वेंकट नग मदिवो श्री वेंकटपतिकि सिरुलैनदि । (2) भाविंप सकल संपद रूपमदिवो पावनमुल कॆल्ल पावन मयमू ॥ (1.5) अदिवो अल्लदिवो श्री हरि वासमु पदिवेल शेषुल पडगल मयमु ॥ (2.5)
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