अन्नमय्य कीर्तन राजीव नेत्राय
रागं: श्री,मोहन आ: स रि2 म1 प नि2 स अव: स नि2 प द2 नि2 प म1 रि2 ग2 रि2 स रागं: मोहन आ: स रि2 ग3 प द2 स अव: स द2 प ग3 रि2 स तालं: खंदचापु पल्लवि राजीव नेत्राय राघवाय नमो । सौजन्य निलयाय जानकीशाय ॥ (3.5) चरणं 1 दशरथ तनूजाय ताटक दमनाय कुशिक संभव यज्ञ गोपनाय । (2) पशुपति महा धनुर्भंजनाय नमो (2) विशद भार्गवराम विजय करुणाय ॥ राजीव नेत्राय राघवाय नमो..(प..) चरणं 2 भरित धर्माय शुर्पणखांग हरणाय खरदूषणाय रिपु खंडनाय । (2) तरणि संभव सैन्य रक्षकायनमो (2) निरुपम महा वारिनिधि बंधनाय ॥ राजीव नेत्राय राघवाय नमो..(प..) चरणं 3 हत रावणाय संयमि नाथ वरदाय अतुलित अयोध्या पुराधिपाय । (2) हितकर श्री वेंकटेश्वराय नमो (2) वितत वाविलिपाटि वीर रामाय ॥ राजीव नेत्राय राघवाय नमो । सौजन्य निलयाय जानकीशाय ॥
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