अन्नमय्य कीर्तन अन्नि मंत्रमुलु
रागं: अमृतवर्षिणि आ: स ग3 म2 प नि3 स अव: स नि3 प म2 ग3 स तालं: आदि पल्लवि अन्नि मंत्रमुलु निंदे आवहिंचॆनु वॆन्नतो नाकु गलिगॆ वेंकटेशु मंत्रमु ॥ (2.5) चरणं 1 नारदुंडु जपियिंचॆ नारायण मंत्रमु चेरॆ प्रह्लादुडु नारसिंह मंत्रमु । (2) कोरि विभीषणुंडु चेकॊनॆ राम मंत्रमु वेरॆ नाकु गलिगॆ वेंकटेशु मंत्रमु ॥ (2) अन्नि मंत्रमुलु निंदे आवहिंचॆनु (1.5) चरणं 2 रंगगु वासुदेव मंत्रमु ध्रुवुंडु जपियिंचॆ नंग विंवॆ कृष्ण मंत्र मर्जुनुंडुनु । (2) मुंगिट विष्णु मंत्रमु मॊगि शुकुडु पठिंचॆ विंगडमै नाकु नब्बॆ वेंकटेशु मंत्रमु ॥ (2) अन्नि मंत्रमुलु निंदे आवहिंचॆनु (1.5) चरणं 3 इन्नि मंत्रमुल कॆल्ल इंदिरा नाधुंडॆ गुरि पन्निन दिदियॆ पर ब्रह्म मंत्रमु । (2) नन्नुगाव कलिगॆ बो नाकु गुरु डिय्यगानु वॆन्नॆल वंटिदि श्री वेंकटेशु मंत्रमु ॥ (2) अन्नि मंत्रमुलु निंदे आवहिंचॆनु (2.5)
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