अन्नमय्य कीर्तन रामुडु लोकाभिरामुडु
रागं: रामक्रिया आ: स ग3 म1 प द1 नि3 स अव: स नि3 प द1 प म1 ग3 रि1 स रागं: मुखारि आ: स रि2 म1 प नि2 द2 स अव: स नि2 द1 प म1 ग2 रि2 स तालं: आदि पल्लवि रामुडु लोकाभि रामुडु । वेमारु मॊक्कुचु सेविन्चरो जनुलु ॥ (2.4) चरणं 1 चॆलुवुपु रूपमुनु जितकामुडु मलसि बिरुतिन समर भीमुडु ॥ (2) पॊलुपैन साकेतपुर धामुडु (2) इललो प्रजलकॆल्ल हित धामुडु ॥ (2) रामुडु लोकाभिरामुडु ..(प..) चरणं 2 घन कांतुल नील मेघ श्यामुडु अनिशमु सुतुल सहस्र नामुडु ॥ (2) कनुपट्टु कपि नायक स्तोमुडु (2) तनुनॆन्चिते देवता सार्वभौमुडु ॥ (2) रामुडु लोकाभिरामुडु..(प..) चरणं 3 सिरुल मिन्चिन तुलसी धामुडु करुणानिधियैन भक्त प्रेमुडु ॥ (2) उरुतर महिमल नुद्धामुडु (2) अरिमॆमॆ श्ऱि वेन्कटगिरि ग्रामुडु ॥ (2) रामुडु लोकाभिरामुडु त्रैलोक्य धामुडु रणरंग भीमुडु वाडे ॥ (2.5)
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