अन्नमय्य कीर्तन चेरि यशोदकु
रागं: हंसध्वनि 22 खरहरप्रिय जन्य आ: स ग2 म1 प नि2 प स अव: स नि2 प म1 ग2 स तालं: आदि पल्लवि चेरि यशोदकु शिशु वितडु धारुणि ब्रह्मकु तंड्रियु नितडु ॥ (2.5) चरणं 1 सॊलसि चूचिननु सूर्यचंद्रुलनु ललि वॆदचल्लॆडुलक्षणुडु । (2) निलिचिननिलुवुन निखिलदेवतल कलिगिंचु सुरलगनिवो यितडु । (2) चेरि यशोदकु शिशु वितडु (1.5) (प..) चरणं 2 माटलाडिननु मरियजांडमुलु कोटुलु वोडमेटिगुणराशि । (2) नीटगुनूर्पुल निखिलवेदमुलु चाटुवनू रेटिसमुद्र मितडु ॥ (2) चेरि यशोदकु शिशु वितडु (1.5) (प..) चरणं 3 मुंगिट जॊलसिन मोहन मात्मल बॊंगिंचेघनपुरुषुडु । (2) संगति मावंटिशरणागतुलकु नंगमु श्रीवेंकटाधिपु डितडु ॥ (2) चेरि यशोदकु शिशु वितडु (2.5) (प..)
Browse Related Categories: