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अन्नमय्य कीर्तन डोलायाञ्चल


रागं: खमास् / वरालि
आ: स म1 ग3 म1 प द2 नि2 स
अव: स नि2 द2 प म1 ग3 रि2 स
तालं: आदि

पल्लवि
डोलायां चल डोलायां हरे डोलायां ॥ (3)

चरणं 1
मीनकूर्म वराहा मृगपति​अवतारा । (2)
दानवारे गुणशौरे धरणिधर मरुजनक ॥

डोलायां चल डोलायां हरे डोलायां ॥

चरणं 2
वामन राम राम वरकृष्ण अवतारा । (2)
श्यामलाङ्गा रङ्ग रङ्गा सामजवरद मुरहरण ॥

डोलायां चल डोलायां हरे डोलायां ॥

चरणं 3
दारुण बुद्द कलिकि दशविध​अवतारा । [3]
शीरपाणे गोसमाणे श्री वेङ्कटगिरिकूटनिलय ॥ (2)

डोलायां चल डोलायां हरे डोलायां ॥




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