अन्नमय्य कीर्तन मङ्गाम्बुधि हनुमन्ता
रागं: सामन्त आ: स रि2 ग3 म1 प द3 नि3 स अव: स नि3 द3 नि3 द3 प म1 ग3 रि2 स रागं:धर्मवति तालं: आदि आ: स रि2 ग2 म2 प द2 नि3 स अव: स नि3 द2 प म2 ग2 रि2 स पल्लवि मङ्गाम्बुधि हनुमन्ता नी शरण । मङ्गविञ्चितिमि हनुमन्ता ॥ (2.5) चरणं 1 बालार्क बिम्बमु फलमनि प ट्टिन आलरि चेतल हनुमन्ता । (2) तूलनि ब्रह्मादुलचे वरमुलु ओलि चेकॊनिना हनुमन्ता ॥ (2) मङ्गाम्बुधि हनुमन्ता नी शरण..(प..) चरणं 2 जलधि दाट नी सत्वमु कपुलकु अलरि तॆलिपितिवि हनुमन्ता । इलयु नाकसमु नेकमुगा, नटु बलिमि पॆरिगितिवि भलि हनुमन्ता ॥ चरणं 3 पातालमु लोपलि मैरावणु आतल जम्पिन हनुमन्ता । चेतुलु मोड्चुक श्री वेङ्कटपति नी तल गोलिचे हित हनुमन्ता ॥ मङ्गाम्बुधि हनुमन्ता नी शरण । मङ्गविञ्चितिमि हनुमन्ता ॥ (2.5)
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