अन्नमय्य कीर्तन निमुषमॆडतॆगक
रागं: सोभनालु आ: स ग1 रि1 ग1 म2 प द1 नि3 स अव: स नि3 द1 प म2 ग1 रि1 स तालं: आदि पल्लवि निमुषमॆडतॆगक हरि निन्नु तलचि । ममत नी मीदने मरपि ब्रतुकुटगाक ॥ चरणं 1 निदुरचे कॊन्नाल्लु नेरमुल कॊन्नाल्लु मिमिचे कॊन्नाल्लु मोसपोयि । (2) कदिसि कोरिननु गतकालम्बु वच्चुने (2) मदि मदिनॆ युण्डि एमरक बतुकुट गाक ॥ (2) निमुषमॆडतॆगक हरि निन्नु तलचि.. (प..) चरणं 2 कडु तनयुलकु कॊन्त कान्तलकु नॊक कॊन्त वॆडयासलकु कॊन्त वॆट्टिसेसि । (2) अडरि कावलॆननिन अन्दु सुखमुन्नदा (2) चॆडक नी सेवले सेसि बतुकुटगाक ॥ (2) निमुषमॆडतॆगक हरि निन्नु तलचि.. (प..) चरणं 3 धनमु वॆण्ट तगिलि धान्यम्बुनकु तगिलि तनवारि तगिलि कातरुडैननु । (2) कनु कलिगि श्री वेङ्कटनाथ कातुवे (2) कॊनसागि निन्नुने कॊलिचि बतुकुटगाक ॥ (2) निमुषमॆडतॆगक हरि निन्नु तलचि । ममत नी मीदने मरपि ब्रतुकुटगाक ॥
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