अन्नमाचार्य (111)
- अन्नमय्य कीर्तन कट्टॆदुर वैकुंठमु
- अन्नमय्य कीर्तन मूसिन मुत्यालकेले
- अन्नमय्य कीर्तन तिरुवीधुल मॆऱसी
- अन्नमय्य कीर्तन विनरो भाग्यमु
- अन्नमय्य कीर्तन नारायणते नमो नमो
- अन्नमय्य कीर्तन अन्नि मंत्रमुलु
- अन्नमय्य कीर्तन चंदमाम रावो
- अन्नमय्य कीर्तन इंदरिकि अभयंबु
- अन्नमय्य कीर्तन अदिवो अल्लदिवो
- अन्नमय्य कीर्तन तंदनाना अहि
- अन्नमय्य कीर्तन मनुजुडै पुट्टि
- अन्नमय्य कीर्तन ऎक्कुव कुलजुडैन
- अन्नमय्य कीर्तन कॊंडललो नॆलकॊन्न
- अन्नमय्य कीर्तन षोडश कलानिधिकि
- अन्नमय्य कीर्तन जो अच्युतानंद
- अन्नमय्य कीर्तन जगडपु चनुवुल
- अन्नमय्य कीर्तन ऎंत मात्रमुन
- अन्नमय्य कीर्तन ब्रह्म कडिगिन पादमु
- अन्नमय्य कीर्तन नानाटि बतुकु
- अन्नमय्य कीर्तन भावयामि गोपालबालं
- अन्नमय्य कीर्तन अलर चंचलमैन
- अन्नमय्य कीर्तन अलरुलु कुरियग
- अन्नमय्य कीर्तन अम्मम्म एमम्म
- अन्नमय्य कीर्तन अंदरिकि आधारमैन
- अन्नमय्य कीर्तन अंतर्यामि अलसिति
- अन्नमय्य कीर्तन अति दुष्टुड ने नलुसुडनु
- अन्नमय्य कीर्तन भावमु लोन
- अन्नमय्य कीर्तन चालदा ब्रह्ममिदि
- अन्नमय्य कीर्तन चालदा हरि नाम
- अन्नमय्य कीर्तन चदुवुलोने हरिन
- अन्नमय्य कीर्तन चक्कनि तल्लिकि
- अन्नमय्य कीर्तन चेरि यशोदकु
- अन्नमय्य कीर्तन चूडरम्म सतुलारा
- अन्नमय्य कीर्तन दाचुको नी पादालकु
- अन्नमय्य कीर्तन रामा दशरथ रामा
- अन्नमय्य कीर्तन देव देवं भजे
- अन्नमय्य कीर्तन देव यी तगवु तीर्चवय्या
- अन्नमय्य कीर्तन डोलायांचल
- अन्नमय्य कीर्तन ए पुराणमुल नॆंत वॆदिकिना
- अन्नमय्य कीर्तन ई सुरलु ई मुनुलु
- अन्नमय्य कीर्तन एले एले मरदला
- अन्नमय्य कीर्तन एमनि पॊगडुदुमे
- अन्नमय्य कीर्तन एमॊको चिगुरुटधरमुन
- अन्नमय्य कीर्तन ऎंड गानि नीड गानि
- अन्नमय्य कीर्तन गालिने पोय
- अन्नमय्य कीर्तन गरुड गमन गरुडध्वज
- अन्नमय्य कीर्तन घनुडातडे ममु
- अन्नमय्य कीर्तन गोविंदाश्रित गोकुलबृंदा
- अन्नमय्य कीर्तन हरि नाममु कडु
- अन्नमय्य कीर्तन हरि यवतार मितडु
- अन्नमय्य कीर्तन इप्पुडिटु कलगन्टि
- अन्नमय्य कीर्तन इतरुलकु निनु
- अन्नमय्य कीर्तन इट्टि मुद्दुलाडु
- अन्नमय्य कीर्तन जय जय रामा
- अन्नमय्य कीर्तन जय लक्ष्मि वर लक्ष्मि
- अन्नमय्य कीर्तन कलिगॆनिदॆ नाकु
- अन्नमय्य कीर्तन कंटि नखिलांड
- अन्नमय्य कीर्तन कंटि शुक्रवारमु
- अन्नमय्य कीर्तन किं करिष्यामि
- अन्नमय्य कीर्तन कोडॆकाडॆ वीडॆ
- अन्नमय्य कीर्तन कॊलनि दोपरिकि
- अन्नमय्य कीर्तन कॊलिचिन वारल
- अन्नमय्य कीर्तन क्षीराब्धि कन्यककु
- अन्नमय्य कीर्तन कुलुकुग नडवरो
- लन्नमय्य कीर्तन लालि श्री कृष्नय्य
- अन्नमय्य कीर्तन मच्च कूर्म वराह
- अन्नमय्य कीर्तन महिनुद्योगि कावलॆ
- अन्नमय्य कीर्तन मंगांबुधि हनुमंता
- अन्नमय्य कीर्तन मेदिनि जीवुल गाव
- अन्नमय्य कीर्तन मेलुको श्रुंगारराय
- अन्नमय्य कीर्तन मुद्दुगारे यशोद
- अन्नमय्य कीर्तन नगवुलु निजमनि
- अन्नमय्य कीर्तन नल्लनि मेनि
- अन्नमय्य कीर्तन नारायणाच्युत
- अन्नमय्य कीर्तन नारायणाअय नमो नमो
- अन्नमय्य कीर्तन नवनीतचोरा नमो नमो
- अन्नमय्य कीर्तन नवरसमुलदी नलिनाक्षि
- अन्नमय्य कीर्तन नॆलमूडु शोभनालु
- अन्नमय्य कीर्तन निगम निगमांत वर्णित
- अन्नमय्य कीर्तन निमुषमॆडतॆगक
- अन्नमय्य कीर्तन नित्य पूजलिविगो
- अन्नमय्य कीर्तन ऒकपरि कॊकपरि
- अन्नमय्य कीर्तन पलुकु तेनॆल तल्लि
- अन्नमय्य कीर्तन पवनात्मज ओ घनुडा
- अन्नमय्य कीर्तन पॆरिगिनाडु चूडरोइ
- अन्नमय्य कीर्तन फाल नेत्रानल
- अन्नमय्य कीर्तन पिडिकिट तलंब्राल
- अन्नमय्य कीर्तन पॊडगंटिमय्य
- अन्नमय्य कीर्तन पुट्टु भोगुलमु मेमु
- अन्नमय्य कीर्तन राजीव नेत्राय
- अन्नमय्य कीर्तन रामुडु लोकाभिरामुडु
- अन्नमय्य कीर्तन रामुडु राघवुडु
- अन्नमय्य कीर्तन राधा माधव रति चरितमिति
- अन्नमय्य कीर्तन रंग रंग रंगपति
- अन्नमय्य कीर्तन सकलं हे सखि
- अन्नमय्य कीर्तन सर्वांतरात्मुडवु
- अन्नमय्य कीर्तन सतुलाल चूडरे
- अन्नमय्य कीर्तन सिरुत नव्वुलवाडु
- अन्नमय्य कीर्तन शोभनमे शोभनमे
- अन्नमय्य कीर्तन श्रीमन्नारायण
- अन्नमय्य कीर्तन सुव्वि सुव्वि सुव्वालम्म
- अन्नमय्य कीर्तन तॆप्पगा मर्राकु मीद
- अन्नमय्य कीर्तन तिरुमल गिरि राय
- अन्नमय्य कीर्तन त्वमेव शरणम्
- अन्नमय्य कीर्तन वंदे वासुदेवं
- अन्नमय्य कीर्तन वेदं बॆव्वनि
- अन्नमय्य कीर्तन वेडुकॊंदामा
- अन्नमय्य कीर्तन विडुव विडुवनिंक
- अन्नमय्य कीर्तन विन्नपालु विनवलॆ
- अन्नमय्य कीर्तन विश्वरूपमिदिवो
- अन्नमय्य कीर्तन कामधेनुविदे
त्यागराज (18)
- त्यागराज कीर्तन बंटु रीति कॊलुवु
- त्यागराज कीर्तन सामज वर गमना
- त्यागराज कीर्तन ब्रोव भारमा
- त्यागराज कीर्तन मरुगेलरा ओ राघवा
- त्यागराज पंचरत्न कीर्तन दुडुकु गल
- त्यागराज पंचरत्न कीर्तन जगदानंद कारक
- त्यागराज पंचरत्न कीर्तन समयानिकि तगु माटलाडॆनॆ
- त्यागराज पंचरत्न कीर्तन ऎंदरो महानुभावुलु
- त्यागराज पंचरत्न कीर्तन कन कन रुचिरा
- त्यागराज कीर्तन गंधमु पूयरुगा
- त्यागराज कीर्तन नगुमोमु गनलेनि
- ऎवरनि निर्णयिंचिरिरा
- वंदनमु रघुनंदन
- ननु पालिंप नडचि वच्चितिवो
- गानमूर्ते श्रीकृष्णवेणु
- श्री गणनाथं भजाम्यहं
- श्री राम पादमा
- परमात्मुडु वॆलिगे
रामदासु (10)
आदि शंकराचार्य (69)
- शिव पंचाक्षरि स्तोत्रम्
- निर्वाण षट्कम्
- भज गोविंदम् (मोह मुद्गरम्)
- शिवानंद लहरि
- श्री महागणेश पंचरत्नम्
- दक्षिणा मूर्ति स्तोत्रम्
- कनकधारा स्तोत्रम्
- जगन्नाथाष्टकम्
- अच्युताष्टकम्
- सौंदर्य लहरी
- शिव मानस पूज
- श्री अन्नपूर्णा स्तोत्रम्
- उमा महेश्वर स्तोत्रम्
- शिव भुजंग स्तोत्रम्
- द्वादश ज्योतिर्लिंग स्तोत्रम्
- अर्ध नारीश्वर अष्टकम्
- विष्णु षट्पदि
- ललिता पंच रत्नम्
- श्री राम पंच रत्न स्तोत्रम्
- नारायण स्तोत्रम्
- गोविंदाष्टकम्
- लक्ष्मी नृसिंह करावलंब स्तोत्रम्
- शिवापराध क्षमापण स्तोत्रम्
- गुरु पादुका स्तोत्रम्
- श्री गुर्वष्टकम् (गुरु अष्टकम्)
- शिव भुजंग प्रयात स्तोत्रम्
- अर्ध नारीश्वर स्तोत्रम्
- सुब्रह्मण्य भुजंग स्तोत्रम्
- हनुमत्-पंचरत्नम्
- नवरत्न मालिका स्तोत्रम्
- मीनाक्षी पंच रत्न स्तोत्रम्
- श्री राज राजेश्वरी अष्टकम्
- मणिकर्णिकाष्टकम्
- गंगाष्टकं
- निर्वाण दशकं
- माया पंचकं
- प्रातःस्मरण स्तोत्रं
- गणेश भुजंगम्
- श्रीकाशीविश्वनाथस्तोत्रम्
- द्वादशज्योतिर्लिंगस्तोत्रम्
- भवानी अष्टकम्
- श्री राम भुजंग प्रयात स्तोत्रम्
- विवेक चूडामणि
- ब्रह्मज्ञानावलीमाला
- श्री पांडुरंग अष्टकम्
- मंत्र मातृका पुष्प माला स्तव
- आनंद लहरि
- मनीषा पंचकम्
- वेदांत डिंडिमः
- धन्याष्टकम्
- कल्याणवृष्टि स्तवः
- सुब्रह्मण्य भुजंग प्रयात स्तोत्रम्
- दारिद्र्य दहन गणपति स्तोत्रम्
- श्री मीनाक्षी स्तोत्रम्
- सुवर्णमाला स्तुति
- गायत्र्यष्टकं (गयत्री अष्टकं)
- गौरी दशकं
- त्रिपुर सुंदरी अष्टकं
- देवी भुजंग स्तोत्रं
- भवानी भुजंग प्रयात स्तोत्रं
- काशी पंचकं
- निर्गुण मानस पूजा
- रंगनाथ अष्टकं
- श्री गोविंदाष्टकं
- शिव पादादि केशांत वर्णन स्तोत्रं
- विष्णु पादादि केशांत वर्णन स्तोत्रं
- शिव केशादि पादांत वर्णन स्तोत्रं
- शिव नामावल्यष्टकं (नामावली अष्टकं)
- गंगा अष्टकं
वेद व्यास (63)
- श्री विष्णु सहस्र नाम स्तोत्रम्
- श्रीमद्भगवद्गीता मूलम् - प्रथमोऽध्यायः
- श्रीमद्भगवद्गीता मूलम् - द्वितीयोऽध्यायः
- श्रीमद्भगवद्गीता मूलम् - तृतीयोऽध्यायः
- श्रीमद्भगवद्गीता मूलम् - चतुर्थोऽध्यायः
- श्रीमद्भगवद्गीता मूलम् - पंचमोऽध्यायः
- श्रीमद्भगवद्गीता मूलम् - षष्ठोऽध्यायः
- श्रीमद्भगवद्गीता मूलम् - सप्तमोऽध्यायः
- श्रीमद्भगवद्गीता मूलम् - अष्टमोऽध्यायः
- श्रीमद्भगवद्गीता मूलम् - नवमोऽध्यायः
- श्रीमद्भगवद्गीता मूलम् - दशमोऽध्यायः
- श्रीमद्भगवद्गीता मूलम् - एकादशोऽध्यायः
- श्रीमद्भगवद्गीता मूलम् - द्वादशोऽध्यायः
- श्रीमद्भगवद्गीता मूलम् - त्रयोदशोऽध्यायः
- श्रीमद्भगवद्गीता मूलम् - चतुर्दशोऽध्यायः
- श्रीमद्भगवद्गीता मूलम् - पंचदशोऽध्यायः
- श्रीमद्भगवद्गीता मूलम् - षोडशोऽध्यायः
- श्रीमद्भगवद्गीता मूलम् - सप्तदशोऽध्यायः
- श्रीमद्भगवद्गीता मूलम् - अष्टादशोऽध्यायः
- शिव सहस्र नाम स्तोत्रम्
- श्री गुरुगीता प्रथमोध्यायः
- श्री गुरुगीता द्वितीयोध्यायः
- श्री गुरुगीता तृतीयोध्यायः
- मणिद्वीप वर्णन - 1 (देवी भागवतम्)
- मणिद्वीप वर्णन - 2 (देवी भागवतम्)
- मणिद्वीप वर्णन - 3 (देवी भागवतम्)
- मणिद्वीप वर्णनम् (तॆलुगु)
- शत रुद्रीयम्
- घंटशाल भगवद्गीता
- गोपिका गीता (भागवत पुराण)
- श्री विष्णु सहस्र नामावलि
- उद्धवगीता - प्रथमोऽध्यायः
- उद्धवगीता - द्वितीयोऽध्यायः
- उद्धवगीता - तृतीयोऽध्यायः
- उद्धवगीता - चतुर्थोऽध्यायः
- उद्धवगीता - पंचमोऽध्यायः
- उद्धवगीता - षष्ठोऽध्यायः
- उद्धवगीता - सप्तमोऽध्यायः
- उद्धवगीता - अस्श्टमोऽध्यायः
- उद्धवगीता - नवमोऽध्यायः
- उद्धवगीता - दशमोऽध्यायः
- उद्धवगीता - एकादशोऽध्यायः
- श्रीमद्भगवद्गीता पारायण - ध्यानश्लोकाः
- श्रीमद्भगवद्गीता पारायण - प्रथमोऽध्यायः
- श्रीमद्भगवद्गीता पारायण - द्वितीयोऽध्यायः
- श्रीमद्भगवद्गीता पारायण - तृतीयोऽध्यायः
- श्रीमद्भगवद्गीता पारायण - चतुर्थोऽध्यायः
- श्रीमद्भगवद्गीता पारायण - पंचमोऽध्यायः
- श्रीमद्भगवद्गीता पारायण - षष्ठोऽध्यायः
- श्रीमद्भगवद्गीता पारायण - सप्तमोऽध्यायः
- श्रीमद्भगवद्गीता पारायण - अष्टमोऽध्यायः
- श्रीमद्भगवद्गीता पारायण - नवमोऽध्यायः
- श्रीमद्भगवद्गीता पारायण - दशमोऽध्यायः
- श्रीमद्भगवद्गीता पारायण - एकादशोऽध्यायः
- श्रीमद्भगवद्गीता पारायण - द्वादशोऽध्यायः
- श्रीमद्भगवद्गीता पारायण - त्रयोदशोऽध्यायः
- श्रीमद्भगवद्गीता पारायण - चतुर्दशोऽध्यायः
- श्रीमद्भगवद्गीता पारायण - पंचदशोऽध्यायः
- श्रीमद्भगवद्गीता पारायण - षोडशोऽध्यायः
- श्रीमद्भगवद्गीता पारायण - सप्तदशोऽध्यायः
- श्रीमद्भगवद्गीता पारायण - अष्टादशोऽध्यायः
- पांडवगीता
- शिव सहस्र नामावलिः
तुलसी दास् (12)
- हनुमान् चालीसा
- रुद्राष्टकम्
- श्री रामचंद्र कृपालु
- हनुमान् बजरंग बाण
- श्री राम चरित मानस - बालकांड
- श्री राम चरित मानस - अयोध्याकांड
- श्री राम चरित मानस - अरण्यकांड
- श्री राम चरित मानस - किष्किंधाकांड
- श्री राम चरित मानस - सुंदरकांड
- श्री राम चरित मानस - लंकाकांड
- श्री राम चरित मानस - उत्तरकांड
- रामायण चौपायी
श्री वल्लभाचार्य (3)
जयदेव (12)
- गीतगोविंदं प्रथमः सर्गः - सामोद दामोदरः
- गीतगोविंदं द्वितीयः सर्गः - अक्लेश केशवः
- गीतगोविंदं तृतीयः सर्गः - मुग्ध मधुसूदनः
- गीतगोविंदं चतुर्थः सर्गः - स्निग्ध मधुसूदनः
- गीतगोविंदं पंचमः सर्गः - साकांक्ष पुंडरीकाक्षः
- गीतगोविंदं षष्टः सर्गः - कुंठ वैकुंठः
- गीतगोविंदं सप्तमः सर्गः - नागर नारयणः
- गीतगोविंदं अष्टमः सर्गः - विलक्ष्य लक्ष्मीपतिः
- गीतगोविंदं नवमः सर्गः - मंद मुकुंदः
- गीतगोविंदं दशमः सर्गः - चतुर चतुर्भुजः
- गीतगोविंदं एकादशः सर्गः - सानंद दामोदरः
- गीतगोविंदं द्वादशः सर्गः - सुप्रीत पीतांबरः
वेदं (157)
- गणपति प्रार्थन घनपाठः
- गायत्री मंत्रं घनपाठः
- श्री रुद्रं लघुन्यासम्
- श्री रुद्रं नमकम्
- श्री रुद्रं - चमकप्रश्नः
- पुरुष सूक्तम्
- श्री सूक्तम्
- दुर्गा सूक्तम्
- नारायण सूक्तम्
- मंत्र पुष्पम्
- शांति मंत्रम् (दश शांतयः)
- श्री गणपति अथर्व षीर्षम् (गणपत्यथर्वषीर्षोपनिषत्)
- ईशावास्योपनिषद् (ईशोपनिषद्)
- नक्षत्र सूक्तम् (नक्षत्रेष्टि)
- मन्यु सूक्तम्
- मेधा सूक्तम्
- विष्णु सूक्तम्
- सर्व देवता गायत्री मंत्राः
- तैत्तिरीय उपनिषद् - शीक्षावल्ली
- तैत्तिरीय उपनिषद् - आनंदवल्ली
- तैत्तिरीय उपनिषद् - भृगुवल्ली
- भू सूक्तम्
- नवग्रह सूक्तम्
- महानारायण उपनिषद्
- अरुणप्रश्नः
- श्री महान्यासम्
- 1.1 - इषे त्वोर्जे त्वा - कृष्ण यजुर्वेद तैत्तिरीय संहिता पाठः
- 1.2 - आप उंदंतु जीवसे - कृष्ण यजुर्वेद तैत्तिरीय संहिता पाठः
- 1.3 - देवस्य त्वा सवितुः प्रसवे - कृष्ण यजुर्वेद तैत्तिरीय संहिता पाठः
- 1.4 - आ ददे ग्रावा - कृष्ण यजुर्वेद तैत्तिरीय संहिता पाठः
- 1.5 - देवासुराः संयत्ता आसन्न् - कृष्ण यजुर्वेद तैत्तिरीय संहिता पाठः
- 1.6 - संत्वा सिंचामि यजुषा - कृष्ण यजुर्वेद तैत्तिरीय संहिता पाठः
- 1.7 - पाकयज्ञं वा अन्वाहिताग्ने - कृष्ण यजुर्वेद तैत्तिरीय संहिता पाठः
- 1.8 - अनुमत्यै पुरोडाशमष्टाकपालम् - कृष्ण यजुर्वेद तैत्तिरीय संहिता पाठः
- 2.1 - वायव्यग्ग् श्वेत मा लभेत - कृष्ण यजुर्वेद तैत्तिरीय संहिता पाठः
- 2.2 - प्रजापतिः प्रजा असृजत - कृष्ण यजुर्वेद तैत्तिरीय संहिता पाठः
- 2.3 - आदित्येभ्यो भुवद्वद्भ्यश्चरुम् - कृष्ण यजुर्वेद तैत्तिरीय संहिता पाठः
- 2.4 - देवा मनुष्याः पितरः - कृष्ण यजुर्वेद तैत्तिरीय संहिता पाठः
- 2.5 - विश्वरूपो वै त्वाष्ट्रः - कृष्ण यजुर्वेद तैत्तिरीय संहिता पाठः
- 2.6 - समिधो यजति वसंतम् - कृष्ण यजुर्वेद तैत्तिरीय संहिता पाठः
- 3.1 - प्रजापतिरकामयत - कृष्ण यजुर्वेद तैत्तिरीय संहिता पाठः
- 3.2 - यो वै पवमानानाम् - कृष्ण यजुर्वेद तैत्तिरीय संहिता पाठः
- 3.3 - अग्ने तेजस्विंतेजस्वी - कृष्ण यजुर्वेद तैत्तिरीय संहिता पाठः
- 3.4 - वि वा एतस्य यज्ञः - कृष्ण यजुर्वेद तैत्तिरीय संहिता पाठः
- 3.5 - पूर्णा पश्चादुत पूर्णा - कृष्ण यजुर्वेद तैत्तिरीय संहिता पाठः
- 4.1 - युंजानः प्रथमम्मनः - कृष्ण यजुर्वेद तैत्तिरीय संहिता पाठः
- 4.2 - विष्णोः क्रमोस्यभिमातिहा - कृष्ण यजुर्वेद तैत्तिरीय संहिता पाठः
- 4.3 - अपा ंत्वेम ंथ्सादयामि - कृष्ण यजुर्वेद तैत्तिरीय संहिता पाठः
- 4.4 - रश्मिरसि क्षयाय त्वा - कृष्ण यजुर्वेद तैत्तिरीय संहिता पाठः
- 4.5 - नमस्ते रुद्र मन्यव - कृष्ण यजुर्वेद तैत्तिरीय संहिता पाठः
- 4.6 - अश्मन्नूर्जं पर्वते - कृष्ण यजुर्वेद तैत्तिरीय संहिता पाठः
- 4.7 - अग्नाविष्णू सजोषसेमा वर्धंतु - कृष्ण यजुर्वेद तैत्तिरीय संहिता पाठः
- 5.1 - सावित्राणि जुहोति प्रसूत्यै - कृष्ण यजुर्वेद तैत्तिरीय संहिता पाठः
- 5.2 - विष्णुमुखा वै देवाः - कृष्ण यजुर्वेद तैत्तिरीय संहिता पाठः
- 5.3 - उथ्सन्नयज्ञ्नो वा एष यदग्निः - कृष्ण यजुर्वेद तैत्तिरीय संहिता पाठः
- 5.4 - देवासुरा संयत्ता आसन्न् - कृष्ण यजुर्वेद तैत्तिरीय संहिता पाठः
- 5.5 - यदेकेन सग्ग्स्थापयति - कृष्ण यजुर्वेद तैत्तिरीय संहिता पाठः
- 5.6 - हिरण्यवर्णाः शुचयः - कृष्ण यजुर्वेद तैत्तिरीय संहिता पाठः
- 5.7 - यो वा अयथा देवतम् - कृष्ण यजुर्वेद तैत्तिरीय संहिता पाठः
- 6.1 - प्राचीनवगं शंकरोति - कृष्ण यजुर्वेद तैत्तिरीय संहिता पाठः
- 6.2 - यदुभौ विमुच्यातिथ्यम् - कृष्ण यजुर्वेद तैत्तिरीय संहिता पाठः
- 6.3 - चात्वाला द्धिष्णिया नुपवपति - कृष्ण यजुर्वेद तैत्तिरीय संहिता पाठः
- 6.4 - यज्ञेन वै प्रजापतिः प्रजा असृजत - कृष्ण यजुर्वेद तैत्तिरीय संहिता पाठः
- 6.5 - इंद्रो वृत्राय वज्रमुदयच्छत् - कृष्ण यजुर्वेद तैत्तिरीय संहिता पाठः
- 6.6 - सुवर्गाय वा एतानि लोकाय - कृष्ण यजुर्वेद तैत्तिरीय संहिता पाठः
- 7.1 - प्रजननं ज्योतिरग्निः - कृष्ण यजुर्वेद तैत्तिरीय संहिता पाठः
- 7.2 - साध्या वै देवाः सुवर्गकामाः - कृष्ण यजुर्वेद तैत्तिरीय संहिता पाठः
- 7.3 - प्रजवं वा एतेन यंति - कृष्ण यजुर्वेद तैत्तिरीय संहिता पाठः
- 7.4 - बृहस्पति रकामयत - कृष्ण यजुर्वेद तैत्तिरीय संहिता पाठः
- 7.5 - गावो वा एतथ्सत्रमासत - कृष्ण यजुर्वेद तैत्तिरीय संहिता पाठः
- सरस्वती सूक्तम्
- भाग्य सूक्तम्
- पवमान सूक्तम्
- नासदीय सूक्तम्
- नवग्रह सूक्तम्
- पितृ सूक्तम्
- रात्रि सूक्तम्
- सर्प सूक्तम्
- सूर्य सूक्तम्
- हिरण्य गर्भ सूक्तम्
- महा सौर मंत्रम्
- सानुस्वार प्रश्न (सुन्नाल पन्नम्)
- गो सूक्तम्
- त्रिसुपर्णम्
- चित्ति पन्नम्
- अघमर्षण सूक्तम्
- केन उपनिषद् - प्रथमः खंडः
- केन उपनिषद् - द्वितीयः खंडः
- केन उपनिषद् - तृतीयः खंडः
- केन उपनिषद् - चतुर्थः खंडः
- मुंडक उपनिषद् - प्रथम मुंडक, प्रथम कांडः
- मुंडक उपनिषद् - प्रथम मुंडक, द्वितीय कांडः
- मुंडक उपनिषद् - द्वितीय मुंडक, प्रथम कांडः
- मुंडक उपनिषद् - द्वितीय मुंडक, द्वितीय कांडः
- मुंडक उपनिषद् - तृतीय मुंडक, प्रथम कांडः
- मुंडक उपनिषद् - तृतीय मुंडक, द्वितीय कांडः
- नारायण उपनिषद्
- विश्वकर्म सूक्तम्
- श्री देव्यथर्वशीर्षम्
- चाक्षुषोपनिषद् (चक्षुष्मती विद्या)
- दुर्वा सूक्तम् (महानारायण उपनिषद्)
- मृत्तिका सूक्तम् (महानारायण उपनिषद्)
- श्री दुर्गा अथर्वशीर्षम्
- अग्नि सूक्तम् (ऋग्वेद)
- क्रिमि संहारक सूक्तम् (यजुर्वेद)
- नीला सूक्तम्
- सरस्वती प्रार्थन घनपाठः
- वेद आशीर्वचनम्
- वेद स्वस्ति वाचनम्
- ऐकमत्य सूक्तम् (ऋग्वेद)
- आयुष्य सूक्तम्
- श्री सूर्योपनिषद्
- श्री गणेश (गणपति) सूक्तम् (ऋग्वेद)
- 1.1 जटापाठ - इषे त्वोर्जे त्वा - कृष्ण यजुर्वेद तैत्तिरीय संहिता
- 1.2 जटापाठ - आप उंदंतु जीवसे - कृष्ण यजुर्वेद तैत्तिरीय संहिता
- 1.3 जटापाठ - देवस्य त्वा सवितुः प्रसवे - कृष्ण यजुर्वेद तैत्तिरीय संहिता
- 1.4 जटापाठ - आ ददे ग्रावा - कृष्ण यजुर्वेद तैत्तिरीय संहिता
- 1.5 जटापाठ - देवासुराः संयत्ता आसन्न् - कृष्ण यजुर्वेद तैत्तिरीय संहिता
- 1.6 जटापाठ - संत्वा सिंचामि यजुषा - कृष्ण यजुर्वेद तैत्तिरीय संहिता
- 1.7 जटापाठ - पाकयज्ञं वा अन्वाहिताग्ने - कृष्ण यजुर्वेद तैत्तिरीय संहिता
- 1.8 जटापाठ - अनुमत्यै पुरोडाशमष्टाकपालम् - कृष्ण यजुर्वेद तैत्तिरीय संहिता
- 2.1 जटापाठ - वायव्यग्ग् श्वेत मा लभेत - कृष्ण यजुर्वेद तैत्तिरीय संहिता
- 2.2 जटापाठ - प्रजापतिः प्रजा असृजत - कृष्ण यजुर्वेद तैत्तिरीय संहिता
- 2.3 जटापाठ - आदित्येभ्यो भुवद्वद्भ्यश्चरुम् - कृष्ण यजुर्वेद तैत्तिरीय संहिता
- 2.4 जटापाठ - देवा मनुष्याः पितरः - कृष्ण यजुर्वेद तैत्तिरीय संहिता
- 2.5 जटापाठ - विश्वरूपो वै त्वाष्ट्रः - कृष्ण यजुर्वेद तैत्तिरीय संहिता
- 2.6 जटापाठ - समिधो यजति वसंतम् - कृष्ण यजुर्वेद तैत्तिरीय संहिता
- 3.1 जटापाठ - प्रजापतिरकामयत - कृष्ण यजुर्वेद तैत्तिरीय संहिता
- 3.2 जटापाठ - यो वै पवमानानाम् - कृष्ण यजुर्वेद तैत्तिरीय संहिता
- 3.3 जटापाठ - अग्ने तेजस्विंतेजस्वी - कृष्ण यजुर्वेद तैत्तिरीय संहिता
- 3.4 जटापाठ - वि वा एतस्य यज्ञः - कृष्ण यजुर्वेद तैत्तिरीय संहिता
- 3.5 जटापाठ - पूर्णा पश्चादुत पूर्णा - कृष्ण यजुर्वेद तैत्तिरीय संहिता
- 4.1 जटापाठ - युंजानः प्रथमम्मनः - कृष्ण यजुर्वेद तैत्तिरीय संहिता
- 4.2 जटापाठ - विष्णोः क्रमोस्यभिमातिहा - कृष्ण यजुर्वेद तैत्तिरीय संहिता
- 4.3 जटापाठ - अपा ंत्वेम ंथ्सादयामि - कृष्ण यजुर्वेद तैत्तिरीय संहिता
- 4.4 जटापाठ - रश्मिरसि क्षयाय त्वा - कृष्ण यजुर्वेद तैत्तिरीय संहिता
- 4.5 जटापाठ - नमस्ते रुद्र मन्यव - कृष्ण यजुर्वेद तैत्तिरीय संहिता
- 4.6 जटापाठ - अश्मन्नूर्जं पर्वते - कृष्ण यजुर्वेद तैत्तिरीय संहिता
- 4.7 जटापाठ - अग्नाविष्णू सजोषसेमा वर्धंतु - कृष्ण यजुर्वेद तैत्तिरीय संहिता
- 5.1 जटापाठ - सावित्राणि जुहोति प्रसूत्यै - कृष्ण यजुर्वेद तैत्तिरीय संहिता
- 5.2 जटापाठ - विष्णुमुखा वै देवाः - कृष्ण यजुर्वेद तैत्तिरीय संहिता
- 5.3 जटापाठ - उथ्सन्नयज्ञ्नो वा एष यदग्निः - कृष्ण यजुर्वेद तैत्तिरीय संहिता
- 5.4 जटापाठ - देवासुरा संयत्ता आसन्न् - कृष्ण यजुर्वेद तैत्तिरीय संहिता
- 5.5 जटापाठ - यदेकेन सग्ग्स्थापयति - कृष्ण यजुर्वेद तैत्तिरीय संहिता
- 5.6 जटापाठ - हिरण्यवर्णाः शुचयः - कृष्ण यजुर्वेद तैत्तिरीय संहिता
- 5.7 जटापाठ - यो वा अयथा देवतम् - कृष्ण यजुर्वेद तैत्तिरीय संहिता
- 6.1 जटापाठ - प्राचीनवगं शंकरोति - कृष्ण यजुर्वेद तैत्तिरीय संहिता
- 6.2 जटापाठ - यदुभौ विमुच्यातिथ्यम् - कृष्ण यजुर्वेद तैत्तिरीय संहिता
- 6.3 जटापाठ - चात्वाला द्धिष्णिया नुपवपति - कृष्ण यजुर्वेद तैत्तिरीय संहिता
- 6.4 जटापाठ - यज्ञेन वै प्रजापतिः प्रजा असृजत - कृष्ण यजुर्वेद तैत्तिरीय संहिता
- 6.5 जटापाठ - इंद्रो वृत्राय वज्रमुदयच्छत् - कृष्ण यजुर्वेद तैत्तिरीय संहिता
- 6.6 जटापाठ - सुवर्गाय वा एतानि लोकाय - कृष्ण यजुर्वेद तैत्तिरीय संहिता
- 7.1 जटापाठ - प्रजननं ज्योतिरग्निः - कृष्ण यजुर्वेद तैत्तिरीय संहिता
- 7.2 जटापाठ - साध्या वै देवाः सुवर्गकामाः - कृष्ण यजुर्वेद तैत्तिरीय संहिता
- 7.3 जटापाठ - प्रजवं वा एतेन यंति - कृष्ण यजुर्वेद तैत्तिरीय संहिता
- 7.4 जटापाठ - बृहस्पति रकामयत - कृष्ण यजुर्वेद तैत्तिरीय संहिता
- 7.5 जटापाठ - गावो वा एतथ्सत्रमासत - कृष्ण यजुर्वेद तैत्तिरीय संहिता
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