जय परशुराम ललाम करूणाधाम दुःखहर सुखकरम् ।
जय रेणुका नंदन सहस्रार्जुन निकंदन भृगुवरम् ॥
जय परशुराम...
जमदग्नि सुत बल बुद्धियुक्त, गुण ज्ञान शील सुधाकरम् ।
भृगुवंश चंदन,जगत वंदन, शौर्य तेज दिवाकरम् ॥
शोभित जटा, अद्भुत छटा, गल सूत्र माला सुंदरं ।
शिव परशु कर, भुज चाप शर, मद मोह माया तमहरम् ॥
जय परशुराम...
क्षत्रिय कुलांतक, मातृजीवक मातृहा पितुवचधरम् ।
जय जगतकर्ता जगतभर्ता जगत हर जगदीश्वरम् ॥
जय क्रोधवीर, अधीर, जय रणधीर अरिबल मद हरम् ।
जय धर्म रक्षक, दुष्टघातक साधु संत अभयंकरम् ॥
जय परशुराम...
नित सत्यचित आनंद-कंद मुकुंद संतत शुभकरम् ।
जय निर्विकार अपार गुण आगार महिमा विस्तरम् ॥
अज अंतहीन प्रवीन आरत दीन हितकारी परम् ।
जय मोक्ष दाता, वर प्रदाता, सर्व विधि मंगलकरम् ॥
जय परशुराम...